Friday, September 30, 2016

हर खरीदारी पर होगी बचत क्योंकि onlinebachat.com है ना…बिहार के एक युवक का यूनिक कॉन्सेप्ट ! (news by newsofbihar)

newsofbihar.com डेस्क, 30 सितंबर। 

अच्छी खासी नौकरी को छोड़कर जब कोई युवक उद्यमी बनने का प्रयास करता है तो उसकी राह में कांटे ही कांटे बिछे होते हैं। खासकर तब जब वो युवक मध्यमवर्गीय परिवार से हो और परिवार में बिजनेस का कोई बैकग्राउंड ना हो लेकिन इन सारी समस्याओं को झेलने के बावजूद कई जूझारू लोग कामयाबी के शिखर पर जरुर पहुंचते हैं। आज हम आपका परिचय ऐसे ही एक होनहार युवक से कराने जा रहे हैं जिन्होंने डिजिटल युग की अहमियत को जानते हुए www.onlinebachat.com को शुरू किया। दरभंगा के बहादुरपुर प्रखंड के कमलपुर गांव के रहने वाले अभिषेक कुमार ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद ओडिशा के IPSAR इंस्टीट्यूट से BBA किया। इसके बाद उन्होंने ग्रेटर नोएडा के LLOYD BUSINESS SCHOOL से फाइनांस और एचआर में MBA किया। MBA करने के बाद अभिषेक के पास कई मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने का ऑफर था लेकिन उन्होंने खुद के eCommerce वेबसाइट www.onlinebachat.com को शुरू किया। अभिषेक बताते हैं कि कॉलेज के दिनों में उनके सीनियर कहा करते थे कि जॉब लेने वाले नहीं बल्कि जॉब देने वाला बनो। MBA की पढ़ाई के दौरान उन्होने eCommerce and its scope in India पर प्रोजेक्ट रिसर्च बनाया। आपको जानकर हैरानी होगी की कॉलेज के दिनों में उन्होंने प्लेसमेंट प्रोग्राम में हिस्सा तक नहीं लिया क्योंकि अभिषेक के दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था। इस बात को लेकर अभिषेक के कई दोस्त उनका मजाक तक उड़ाते रहे कि नौकरी नहीं करेगा तो क्या घास छीलेगा? लेकिन इन बातों का अभिषेक पर कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि उनकी मंजिल तो कुछ और ही थी।
अभिषेक अपना e Commerce वेबसाइट शुरू करने को लेकर बेहद उत्साहित थे लेकिन सवाल था कि क्या परिवार के लोग इसकी इजाजत देंगे? अभिषेक ने अपने पिता स्व. योगेंद्र यादव और अपने बड़े भाई से अपनी योजना के बारे में बताया और पापा-भैया ने उनको जिंदगी के सबसे बड़े फैसले यानि ऑनलाइन स्टोर खोलने का ख्वाब को साकार करने में पूरा सहयोग किया। अभिषेक कहते हैं आज उनके पिता उनके साथ नहीं है लेकिन उन्होंने उस वक्त जो सुझाव दिया था आज भी उनके काम आ रहा है। मध्यमवर्गीय परिवार के अभिषेक को उनके पिता ने कहा कि पॉकेट मनी को बचाने का प्रयास करो और उस पॉकेट मनी की बदौलत ही onlinebachat.com का कॉन्सेप्ट आप सबों के सामने है।
onlinebachat.com पर खरीदारी के लिए 10 से 12 कैटेगरी हैं और 1500 से ज्यादा प्रोडक्ट ग्राहकों के लिए मौजूद हैं। अभिषेक कस्टमर्स को समय पर सामान डिलीवरी कराने पर खास तवज्जो देते हैं। आज के दौर में जबकि बाजार में नित नए कंपटीटर्स पैदा हो रहे हैं लेकिन अभिषेक कहते हैं कि उनका मूलमंत्र है कि कस्टमर अगर सर्विस से संतुष्ट है तो फिर फिक्र करने की कोई बात नहीं।onlinebachat.com के प्रोडक्ट की खरीदारी के लिए क्रेडिट कार्ड, डेविट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा तो है ही इसके साथ ही कैश ऑन डिलीवरी सुविधा भी मौजूद है। 4 अलग-अलग लॉजिस्टिक कंपनियों के साथ onlinebachat.com का करार है ताकि कस्टमर के हाथों में समय पर उनकी जरूरत का सामान मुहैया कराया जा सके। onlinebachat.com के साथ रिटेलर्स और थोक विक्रेता भी काफी संख्या में जुड़ रहे हैं। ग्राहकों के लिए अच्छी बात ये है कि onlinebachat.com पर जाकर आप गारमेंट, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और जरूरत का सारा सामान बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर खरीदारी कर सकते हैं और डिलीवरी आपके घर तक। तो देर किस बात की है…त्योहारों का मौसम आ ही गया है…खुद के लिए और अपने बेहद करीबी रिश्तेदारों के लिए घर बैठे onlinebachat.com पर जाकर मनपसंदीदा सामान अभी बुकिंग करा लीजिए।

Friday, September 16, 2016

Shimla - kullu - manali Trip with college friends

आज मैं आप लोगों से एक दिलचस्प वाक्या शेयर कर रहा हूँ, ये बात फरबरी 2012 की है, मुझे और मेरे कुछ दोस्तों को अटेंडेंस कम होने के कारण कॉलेज के इंटरनल एग्जाम में नहीं बैठने दिया गया | हम लोगों  ने  सोचा अब क्या करे दोस्तों के बिच हमारा  मज़ाक  बनेगा तो हम लोगों ने टूर प्लान किया - आगरा जाने का . क्योंकि एग्जाम अगले तीन दिन तक होने वाला था तो हम लोगों ने सोचा तब तक कही घूम आतें है और किसी को पता भी नहीं चलेगा की हमे एग्जाम नहीं देने दिया गया है. |
महीने का दूसरा - तीसरा दिन था सो कुछ दोस्त के घर से पैसे नहीं आये थे तो बजट का अलग प्रॉब्लम था |फिर भी जैसे तैसे दोस्त लोग राजी हुए 700 रुपये पर हेड |
फिर किसी ने कहा आगरा तो नजदीक में ही है क्यों न कही और चला जाये जैसे किसी हिल स्टेशन वगैरह |
तो सभी ने कहा बजट बढ़ेगा , बजट बढ़ा और निष्कर्ष निकल की 1200 रुपये लगेगा, सभी तैयार हुए, आनन् फानन ट्रेन का टिकेट रिज़र्व किया गया और चल पड़े परी  चौक  , वह से बस से बोटैनिकल गार्डन फिर वह से मेट्रो  से इंद्रप्रस्थ अबम अंत में ऑटो से निजामुद्दीन स्टेशन .  रात में 9:30 बजे हमारी ट्रेन थी कालका के लिए |
सुबह साढ़े चार बजे हम लोग कालका पहुंचे वह से हम लोगों को कालका -शिमला हिमालयन ट्रेन पकड़ना था उसका समय ७:३० बजे था तो हमारे पास पर्याप्त समय था कालका स्टेशन घूमने का |
वहाँ का एक बात याद आते ही मैं मुस्कुरा पड़ा मेरे कुछ दोस्त स्टेशन के बाहर घूमने गए तो उन्होंने चाय एबं सिगरेट ख़रीदा और पिने लगा इसीबीच विवेक एबं रवि कान्त को चक्कर आगया| आश्चर्य की बात है चाय पीने से किसी को चक्कर आएगा लेकिन बाद में पता चला वो चाय भी कड़क था एबं चाय में सिगरेट का जल रख पड़ गया था. |
कालका से 10-11 घंटे के सफर के बाद हम लोग शिमला पहुंचे अब वह अककॉमोडेशन का प्रॉब्लम हो रहा था तो हम लोगों ने  परामर्श किया की क्यों न कुल्लू-मनाली भी घूम लिया जाये |  वहाँ से कैब से हमलोग करीब 10 घंटे का सफर कर के कुल्लू होते हुए मनाली गए, फिर रात्रि बिश्राम हुआ एबं सबेरे हम लोग रोहतांग के लिए रवाना हुए | रोहतान में हम लोगों ने बहुत मस्ती किया फिर रात में हमलोग अपने कैब से वापस कालका के लिए रवाना हो गए |



 मैं (अभिषेक कुमार ), रवि कान्त, विवेक , रवि चंद्र , हुसैन , कन्हैया , राजेश, रवि जैस्वाल  एबं  हेमंत ----बोटैनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन
 मैं (अभिषेक कुमार ),  रवि चंद्र , कन्हैया , आशीष , रमेश ,एबं रितेश  ---- रोहतांग पर्वत
 मैं (अभिषेक कुमार ), हुसैन , कन्हैया , राजेश, आशीष,एबं रितेश----कालका -शिमला हिमालयन ट्रेन

 मैं (अभिषेक कुमार) कालका स्टेशन पर
 मैं और मेरे दोस्त कैब में
 मनाली में सुबह सुबह बाजार घूमने
 रोहतांग पर्वत का दृश्य
 रोहतांग पर्वत का दृश्य
 रोहतांग पर्वत का दृश्य
 रोहतांग पर्वत का दृश्य
 रोहतांग पर्वत का दृश्य

रोहतांग पर्वत का दृश्य- माता का मंदिर - रोहतांग पर्वत 

माता का मंदिर - रोहतांग पर्वत 

 रोहतांग पर्वत का दृश्य



 रोहतांग पर्वत का दृश्य
 चल छैया छैया ट्रेन पे मस्ती
 चल छैया छैया ट्रेन पे मस्ती
 चल छैया छैया ट्रेन पे मस्ती
 मैं (अभिषेक कुमार ), विवेक , रवि चंद्र , कन्हैया , राजेश, रवि जैस्वाल , आशीष , रमेश एबं रितेश----  रोहतांग पर्वत
राजेश एबं रवि से फोटो खीचने के बारे में डिस्कश करते हुए अभिषेक कुमार |